Friday, April 13, 2018

श्रीमद्भागवतमहापुराण द्वितीय स्कन्ध- आठवाँ अध्याय..(पोस्ट०४)


॥ ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॥

श्रीमद्भागवतमहापुराण
द्वितीय स्कन्ध- आठवाँ अध्याय..(पोस्ट०४)

राजा परीक्षित् के विविध प्रश्र

युगानि युगमानश्च धर्मो यश्च युगे युगे ।
अवतारानुचरितं यदाश्चर्यतमं हरेः ॥ १७ ॥
नृणां साधारणो धर्मः सविशेषश्च यादृशः ।
श्रेणीनां राजर्षीणाञ्च धर्मः कृच्छ्रेषु जीवताम् ॥ १८ ॥
तत्त्वानां परिसङ्ख्यानं लक्षणं हेतुलक्षणम् ।
पुरुषाराधनविधिः योगस्याध्यात्मिकस्य च ॥ १९ ॥
योगेश्वरैश्वर्यगतिः लिङ्गभङ्गस्तु योगिनाम् ।
वेदोपवेदधर्माणां इतिहासपुराणयोः ॥ २० ॥
सम्प्लवः सर्वभूतानां विक्रमः प्रतिसङ्क्रमः ।
इष्टापूर्तस्य काम्यानां त्रिवर्गस्य च यो विधिः ॥ २१ ॥
यश्चानुशायिनां सर्गः पाषण्डस्य च सम्भवः ।
आत्मनो बन्धमोक्षौ च व्यवस्थानं स्वरूपतः ॥ २२ ॥

युगोंके भेद, उनके परिमाण और उनके अलग-अलग धर्म तथा भगवान्‌के विभिन्न अवतारोंके परम आश्चर्यमय चरित्र भी बतलाइये ॥ १७ ॥ मनुष्योंके साधारण और विशेष धर्म कौन-कौन-से हैं ? विभिन्न व्यवसायवाले लोगोंके, राजर्षियोंके और विपत्तिमें पड़े हुए लोगोंके धर्मका भी उपदेश कीजिये ॥ १८ ॥ तत्त्वोंकी संख्या कितनी है, उनके स्वरूप और लक्षण क्या हैं ? भगवान्‌की आराधनाकी और अध्यात्मयोगकी विधि क्या है ? ॥ १९ ॥ योगेश्वरोंको क्या-क्या ऐश्वर्य प्राप्त होते हैं, तथा अन्तमें उन्हें कौन-सी गति मिलती है ? योगियोंका लिङ्गशरीर किस प्रकार भङ्ग होता है ? वेद, उपवेद, धर्मशास्त्र, इतिहास और पुराणोंका स्वरूप एवं तात्पर्य क्या है ? ॥ २० ॥ समस्त प्राणियोंकी उत्पत्ति, स्थिति और प्रलय कैसे होता है ? बावली, कुआँ खुदवाना आदि स्मार्त, यज्ञ-यागादि वैदिक, एवं काम्य कर्मोंकी तथा अर्थ-धर्म- कामके साधनोंकी विधि क्या है ? ॥ २१ ॥ प्रलयके समय जो जीव प्रकृतिमें लीन रहते हैं, उनकी उत्पत्ति कैसे होती है ? पाखण्डकी उत्पत्ति कैसे होती है ? आत्माके बन्ध-मोक्षका स्वरूप क्या है ? और वह अपने स्वरूपमें किस प्रकार स्थित होता है ? ॥ २२ ॥

शेष आगामी पोस्ट में --
गीताप्रेस,गोरखपुर द्वारा प्रकाशित श्रीमद्भागवतमहापुराण  (विशिष्टसंस्करण)  पुस्तककोड 1535 से



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